रनियां में हाईवे ओवर ब्रिज मामला : सांसद की मौजूदगी में हुई वार्ता रही बेनतीजा
117 भवन दुकानों को हटाने के लिए नहीं बनी सहमति
कानपुर देहात। नगर से निकले हाईवे पर तेज वाहनों के बीच सड़क पार करने से कई हादसे हो चुके हैं। यहां ओवर ब्रिज प्रस्तावित है, मगर जगह उपलब्ध नहीं होने से निर्माण की प्रक्रिया अटकी है। एनएचएआई की पहल पर सांसद की मौजूदगी में थाना परिसर में हाईवे सीमा में चिह्नित मकानों व दुकानों के स्वामियों से वार्ता बेनतीजा रही।
एनएचएआई की ओर से रनियां में हाईवे के दोनों ओर 117 मकान और दुकानें हैं।एनएचएआई 117 लोगों को वर्ष 2018, 2022, 2024 में अतिक्रमण हटाने का नोटिस दे चुका है। कई बार हाईवे की राजस्व टीम के साथ नापजोख कराई जा चुकी है।
भवन व दुकान स्वामियों के निर्माण हटा लेने पर सहमत नहीं होने से ओवर ब्रिज नहीं बन सका है। सोमवार को अकबरपुर सांसद देवेंद्र सिंह भोले की मौजूदगी में एनएचएआई परियोजना निदेशक अमन रोहिल्ला, एएसपी राजेश पांडेय, लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन हेमंत कुमार सिंह, एसडीएम सदर अवनीश कुमार सिंह ने चिह्नित 117 भवन व दुकान स्वामियों से वार्ता की।
बैठक में विष्णु कुमार गुप्ता, पप्पू शर्मा, अभिषेक सिंह, अंकित गुप्ता, सोनू मिश्रा, राकेश त्रिपाठी, विपिन गुप्ता, शीलू सिंह, रजत सिंह, विजय गुप्ता ने पक्ष रखा। राकेश त्रिपाठी ने कहा कि एनएचएआई मुआवजा देने की बात पर चुप्पी साध लेता है।
सोनू मिश्रा ने कहा कि अधिकांश लोगों के पास बैनामा हैं।
2002 में रनियां के ही लोगों को मुआवजा मिला था। अब एनएचएआई मुआवजा क्यों नहीं दे रहा है। सांसद ने लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन हेमंत कुमार सिंह से हाईवे से जुड़े अभिलेख मांगे, मगर वह कोई अभिलेख नहीं दिखा सके।
इस पर सांसद ने नाराजगी जताई। बैठक बेनतीजा रहने पर सांसद ने नवंबर में दोबारा बैठक बुलाने को कहा। परियोजना निदेशक अमन रोहिल्ला ने बताया कि लोक निर्माण विभाग सड़क सीमा को लेकर अभिलेख नहीं प्रस्तुत कर सका तो कोई निर्णय नहीं निकल पाया।