टोल प्लाजा कर्मचारियों की मदद से भटक रही महिला को स्वजनों से मिलाया
अजीतमल,औरैया
कासगंज जिले के गंजडुंडवारा की तहसील पटियाली अंतर्गत नबाबगंज नगरिया गाँव निवासी रामविलास की पुत्री निर्मला देवी (31वर्ष), पैर से दिव्यांग है। उसका विवाह मैनपुरी जिले के थाना करहल अंतर्गत मढापुर गाँव निवासी नंद किशोर से हुआ है। दो पुत्र वंश और राघव हैं। पारिवारिक मनमुटाव के चलते निर्मला का पति से अनबन चल रही हर। बीते करीब तीन महीने से मायके रह रही है। पति नंदकिशोर, फरीदाबाद रहकर बेलदारी की करता है।
बीते 28 मई को वह दोनों बच्चों को लेकर घर से फरीदाबाद पति के पास जाने के लिए निकल गई। दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचकर किसी की मदद लेकर निर्मला ने अपने पति को सूचना देते हुए ले जाने के लिए कहा। नंदकिशोर जब तक पहुंचा तब तक वह किसी बस में बैठकर निकल गई। पिता और पति खोजबीन में जुटे रहे। रविवार की सुबह टोल प्लाजा पर एक रोडवेज बस से निर्मला बच्चों के साथ उतर गई। और इधर उधर भटकने लगी। तभी टोल प्लाजा अनंतराम के कर्मचारियों की नज़र उस पर पडी। घबड़ाई हुई होने से वह कुछ सही नहीं बता सकी। टोल प्लाजा के डिप्टी असिस्टेंट जनरल मैनेजर कैलाश नारायण सिंह, व प्रसन्न कुमार झा, करन सिंह यादव, वीरेंद्र यादव, शिवकुमार, योगेंद्र कुमार आदि ने महिला को ढांढस बंधाया। और चौकी प्रभारी अनंतराम सुधीर भारद्वाज को सूचना देते हुए महिला और बच्चों को खाना खिलाया। मौके पर पुलिस भी पहुँच गई। महिला ने आधार कार्ड दिव्यांग प्रमाण पत्र और विद्यालय का लीविंग सर्टिफिकेट दिखाया। लीविंग सर्टिफिकेट पर लिखे मोबाइल नम्बर पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका से फिर उसके पिता का नम्बर लेकर पिता से बात की। तब पति का नम्बर लेकर पति से बात की। और अजीतमल क्षेत्र के फूलपुर गाँव स्थित पति की बहिन भूरी के यहाँ से आये स्वजन शनि के सुपुर्द कर दिया।चौकी प्रभारी सुधीर भारद्वाज ने बताया कि महिला को उसके पति नंदकिशोर के कहने पर फूलपुर गाँव निवासी उसकी बहिन के घर से आये शनि नाम के युवक के सुपुर्द किया गया है। वह पति के पास फरीदाबाद जा रही थी। किसी तरह भटक कर यहाँ तक आ गई थी। वहीं टोल प्लाजा कर्मचारियों की सूझबूझ की चर्चा पूरे दिन बनी रही।