जानलेवा हमले के तीन दोषियों को आजीवन कारावास
औरैया थाना क्षेत्र के ग्राम क्योंटरा का 20 वर्ष पुराना मामला
31-31 हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया,कोटा डीलर से विवाद पर फायरिंग का मामला
औरैया। अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) विकास गोस्वामी ने सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम क्योंटरा में 20 वर्ष पूर्व फायरिंग करके एक व्यक्ति को घायल करने के मामले में तीन दोषी राहुल पाठक, माना खां व दूल्हा धानुक को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है। सभी पर 31-31 अर्थ दंड भी लगाया गया है।
अभियोजन की ओर से उक्त मामले की पैरवी कर रहे एडीजीसी चंद्रभूषण तिवारी ने बताया की कोतवाली सदर के ग्राम कयोंटरा का यह मामला 17 दिसंबर 2004 का है। मामले की वादी लखन सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह क्योंटरा गांव का राशन डीलर है। गांव के गोपाल पाठक, राहुल पाठक, माना खां, विमल पाठक व वीर बहादुर आदि सभी लोग उससे माहवारी बांधने का रुपया मांगते हैं। उसने यह बंधौरी देने से मना कर दिया। इसी रंजिश के कारण दिनांक 17 दिसंबर 2004 को उसकी बहू व उसका भाई बहादुर सिंह, दिनेश पांडे, राजपाल सिंह व कन्हई सिंह औरैया से बाजार करके वापस घर जा रहे थे। तभी नारायण त्रिवेदी ग्राम कोटरा खेत की पास पहुंची तभी करीब 2:00 बजे मुल्जमान असलाहों से लैस होकर सड़क पर आ गये। वीर बहादुर ने ललकारा कि आज साले बचने ना पाए जान सी मार दो और सभी ने असलहों से फायर किये जिससे उसका भाई राम बहादुर सिंह घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा। लोगों के आने व ललकारने पर सभी हमलावर भाग गये। रिपोर्ट लिखने के बाद पुलिस ने विवेचना कर पांच आरोपी ए गोपाल पाठक राहुल पाठक माना खां, दूल्हा धानुक व वीर बहादुर पाठक निवासी क्योंटरा के विरुद्ध प्राण घातक हमला व अन्य धाराओं में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। यह मामला अपर सत्र न्यायालय प्रथम के समक्ष चला। विचारण के दौरान दो आरोपी गोपाल पाठक व वीर बहादुर की मृत्यु हो जाने पर तीन अभियुक्तों पर यह मुकदमा चला। अभियोजन की ओर से एडीजीसी चंद्रभूषण तिवारी ने जानलेवा हमले की दोषियों को कठोर सजा से दंडित करने की बहस की। वहीं बचाव पक्ष ने उन्हें निर्दोष बताया। दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम विकास गोस्वामी ने तीनों दोषी राहुल पाठक, माना खां व दूल्हा धानुक को प्राणघातक हमले के आरोप में 10 वर्ष के कठोर कलवास हुआ 31-31 हजार प्रत्येक पर अर्थ दंड की सजा गुरुवार को सुनाई। अर्थ दंड आधार नहीं करने पर सभी को अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। सजा सुनाये जाने के बाद तीनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया।