गर्मी य सर्दी की छुट्टियों का ईएल में नहीं होगा समायोजन
कानपुर देहात(दैनिक स्वतंत्र निवेश)। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस पर रोक लगाए जाने के बाद अब उन्हें ईएल (अर्जित अवकाश) समेत अन्य सुविधाओं को लेकर मंथन शुरू हो गया है। स्कूल शिक्षा महानिदेशाक कंचन वर्मा ने शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसमें अवकाश व आकस्मिक अवकाश की सुविधा सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इससे पहले मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ हुई बैठक में शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने समस्याओं को लेकर अपनी बात रखी थी। इस बैठक में संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी नहीं पहुंचे थे। ऐसे में मुख्य सचिव के निर्देश पर बुधवार को महानिदेशक ने इनके साथ बैठक की। बैठक में शिक्षक प्रतिनिधियों ने जोर देकर कहा कि शिक्षक काफी दूर-दराज के क्षेत्रों में पढ़ाने के लिए जाते हैं। कई स्कूल दुर्गम क्षेत्र में हैं ऐसे में अर्जित अवकाश की सुविधा मिलनी चाहिए। लेकिन कुछ मीडिया कर्मियों ने अर्जित अवकाश के लिए यह खबर प्रकाशित कर दी कि ग्रीष्मकालीन एवं शीतकालीन अवकाश को कम करके अर्जित अवकाश में समायोजित कर दिया जाएगा जबकि इस संदर्भ में ऐसी कोई वार्ता नहीं हुई थी, वैसे भी
किसी भी प्रकार के परिवर्तन के लिए विभाग एक कमेटी बनाकर रिपोर्ट देगा और जब कैबिनेट में पास होगा तभी ऐसा संभव है। अफवाह फैलाकर कुछ अराजक तत्वों ने शिक्षकों के मन में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी। इसके बाद गुरुवार को एमआरसी (मेरिटोरियस रिजर्व कैटेगरी) टीम का एक प्रतिनिधिमंडल मंजीत सिंह के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा, शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल एवं एससीईआरटी निदेशक गणेश कुमार से मिला। उन्होंने डिजिटल अटेंडेंस के संबंध में विस्तृत वार्ता की और ज्ञापन सौंपा। मंत्री जी ने स्पष्ट कहा कि शिक्षकों का अहित नहीं होगा और उनकी मांगों पर विचार किया जा रहा है। शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन, शीतकालीन अवकाश या आकस्मिक अवकाश में से किसी भी अवकाश को कट मर्ज नहीं किया जा रहा है ऐसी किसी भी प्रकार की खबरों को उन्होंने अफवाह बताया। मंजीत सिंह ने प्रमुख रूप से पुरानी पेंशन के संबंध में भी आग्रह किया। पदोन्नति, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को समान कार्य के लिए समान मानदेय, रसोइयों को 11 माह का मानदेय, सामूहिक बीमा और कैशलेश इलाज की सुविधा दिए जाने की बात रखी। नई शिक्षक भर्ती के संबंध में बात करने पर मंत्री जी का रुख सकारात्मक रहा। डिजिटल अटेंडेंस आदेश को अव्यावहारिक बताया और निरस्त करने का आग्रह किया। वार्ता में प्रमुख रूप से मंजीत सिंह, श्यामू वर्मा, सचिन गौतम, अंकित प्रजापति, पंकज वर्मा, आशीष कुमार अमितेश आदि मौजूद रहे।