प्रेस नोट
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दिनांक 21/09/2024,शनिवार प्रातः 6, 7 बजे आर पी पॉलीप्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड,खानपुर खरंजा स्थित फोम गद्दा बनाने वाली फैक्ट्री मै कार्य कर रहे मजदूर द्वारा बीड़ी पीने अथवा किन्ही अन्य कारणो से भीषण आग लग गई,जिससे पूरी फैक्ट्री जमींदोज हो गई इसमें कार्य करने वाले तीन मजदूर उसी में फस गए जिस कारण से उनकी असमय मृत्यु हो गई,जिनके शव फायर विभाग एवम प्रशासन द्वारा मलबे से बरामद किए गए
एवम इलाज के लिए तीन मजदूरों को हैलेट हॉस्पिटल एवम के जी एम सी लखनऊ भेजा गया गंभीर रूप से घायल तीनो मजदूरों की राह मै ही मृत्यु हो गई।कुछ घायलों का जिला हॉस्पिटल मै इलाज चल रहा है,।
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन कानपुर देहात द्वारा एक बैठक बुला कर मृत्यकों के परिजनों से मिलकर बहुत ही भावुक माहोल मै अपनी संवेदनाये दी गई इस अनहोनी पर किसी का कोई वस नही था,बैठक मै उपस्थित आईआईए अध्यक्ष श्री आलोक जैन,एवम पूर्व अध्यक्ष रोहित बृजपुरिया, डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद सऊद जी, छेत्रिए आधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री मनोज चौरसिया जी, असिस्टेंट लेबर कमिश्नर श्री रामाशीष जी एवम छेत्रिये पुलिस अधिकारियो की उपस्थिति मै परिजनों को बताया गया की इस गंभीर हादसे मै मृतकों को वापस नहीं लाया जा सकता परन्तु इस प्रकार के हादसों मै सरकारी नियम के अनुसार जो सहायता फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा प्रशासन के निर्देश एवम श्रम विभाग के संरक्षण मै मजदूरों के परिजनों को दिया जाएगा जो परिजनों के द्वारा मांगे जा रहे सहायता राशि से कहीं ज्यादा है,परिजन पूर्ण रूप से संतुष्ट हो कर बैठक से एक भावुक और संवेदनाओं से भरे माहौल से विदा हुए, आईआईए संगठन के पदाधिकारी एवम उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों एवम परिजनों की आंखों मै इस हादसे के कारण आंसू थे, फैक्ट्री प्रबंधन ने बताया उनके द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही नहीं की गई, उन्होने सभी मानकों को पूरा किया गया था अग्नि समन विभाग मै एनओसी के लिऐ आवेदन किया गया था,जिला उद्योग केंद्र कानपुर देहात द्वारा अग्निसुरक्षा के संदर्भ मै 1000 दिनों का अन्नापति पत्र दिया गया था उसके पश्चात ही उद्योग को क्रियान्वित किया गया।
इस पर जिला उद्योग केंद्र के डिप्यूटी कमिश्नर उद्योग द्वारा बताया गया की उद्योग मै निरीक्षण के संदर्भ मै छुट प्रदान की गई थी।
फैक्ट्री प्रबंधन ने बताया कि वे उस पत्र को अग्नि समन के , सरकार की तरफ से उद्योगों को लगा कर शीघ्र उत्पादन करने के लिए आवश्यक पत्र मानते हैं,उद्योग मै अन्य सभी मानकों के अनुरूप निर्माण कार्य करवाया गया था।
श्री आलोक जैन आईआईए अध्यक्ष ने बताया अंग्रेजो के जमाने के कानून प्रचलन में है, नैशनल बिल्डिंग कोड मै इतनी खामियां है की एन ओ सी लेने मै उद्योगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है, ज्यादातर उद्योगों को इसके अनुरूप निर्माण संभव नहीं होता।जिस कारण से अग्नि समन अन्नापत्ति पत्र समय से निर्गत नही किया जाता है।
पूर्व अध्यक्ष आईआईए रोहित बृजपुरिया ने बताया की नैशनल बिल्डिंग कोड मै व्यवहारिक बदलाव के लिए आईआईए द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे है ।
मृतकों के परिजनों को सहायता राशि का भुगतान माननीय कैबिनेट मंत्री उद्योग श्री राकेश सचान द्वारा किया गया।
प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों को आश्वस्त किया इस प्रकार के हादसों मै सरकार की तरफ से भी मदद मिलती है जो परिजनों को दिलवाई जाएगी।
