आखिर सिंथेटिक मिठाइयों की बिक्री पर क्यों नहीं लग रहा प्रतिबंध
जन स्वास्थ्य पर मंडरा रहे खतरे के बावजूद अधिकारी बने उदासीन
,औरैया। जिले में लगातार संबंधित अधिकारियों की सांठगांठ से सिंथेटिक मिलावटी प्रदूषित बांसी मिठाइयों की बिक्री जोर पड़े हुए हैं। लगातार शिकायतों के वावजूद संबंधित अधिकारी चुप्पी सादे हुए हैं। जिससे अधिकारियों की नियत पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है? .भारी मुनाफा कमाने के लालच में इन दिनों जिले में लगातार सिंथेटिक मिलावटी प्रदूषित फैंसी मिठाइयों के दुकानों पर अंबार लगे नजर आ रहे हैं। आलम यह है कि औरैया बिधूना, फफूंद, दिबियापुर, अछल्दा, नेविलगंज, रुरूगंज, ऐरवाकटरा, उमरैन, कुदरकोट, वैवाह, बेला, मल्हौसी, याकूबपुर, सहार, अजीतमल, बाबरपुर, मुरादगंज, कंचौसी, सहायल, रामगढ़, हरचंदपुर आदि कस्बों व गांवों में स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक बांसी प्रदूषित सिंथेटिक मिठाइयों के मिठाई काउंटर में अंबार लगे नजर आ रहे हैं वहीं मिठाई दुकानदारों के गोदामों में भी सिंथेटिक मिठाइयां भरी पड़ी है और इसके बावजूद इस पर अंकुश लगाने वाले अधिकारी चुप्पी साधे हुए नजर आ रहे हैं। खासकर त्योहारों पर सिंथेटिक मिठाइयों से बड़े पैमाने पर मुनाफा कमाया जा रहा है। अधिकांश मिठाई विक्रेताओं द्वारा जन स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक सिंथेटिक मिठाइयां मनमाने मूल्य पर बिक्री कर जन स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा किया जा रहा है। दूध की भारी कमी होने के बावजूद बाजारों में खोया पनीर दूध दही व खोए की मिठाइयों की कोई कमी नहीं है। ऐसा नहीं है कि सिंथेटिक मिठाई की बिक्री के मामले की खाद्य निरीक्षक विभाग व प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है बल्कि यह सब जानते हुए भी वह चुप्पी साधे हुए हैं। जनचर्चा तो आम यह है कि संबंधित अधिकारियों की मिठाई विक्रेताओं से मिली भगत है और वह सिंथेटिक मिठाइयां बेचने वाले दुकानदारों से मोटी बधौरी वसूल रहे हैं और शायद इसी के चलते सिंथेटिक मिठाइयों की सरेआम बिक्री होने के बावजूद भी अंकुश नहीं लग रहा है। क्षेत्रीय जागरूक लोगों ने जन स्वास्थ्य के लिए घातक सिंथेटिक मिठाई की बिक्री पर जनहित में शीघ्र प्रतिबंध लगाए जाने की शासन व जिला प्रशासन से पुनः मांग की है।