हाय-हाय नगर पालिका तेरी यही कहानी जनता के दिल में है दर्द आंखों में है पानी
खून के आंसू बहाने को मजबूर हैं मोहल्ला बनारसीदास पश्चिमी के वाशिंदे
औरैया। शहर के मोहल्ला बनारसीदास पश्चिमी में पिछले तीन दिन से सुबह-शाम की पेयजल सप्लाई बंद होने से बुरी तरह कराह उठा जनमानस सुबह- शाम की पेयजल आपूर्ति ठप होने से बूंद-बूंद पानी के लिए मोहल्लावासी बुरी तरह से हो रहे हैं परेशान। पेयजल की बात तो छोड़िए शौच क्रिया के लिए भी नहीं मिल रहा पानी। नगर पालिका परिषद कुंभकरणी नींद में सोकर मूकदर्शक व तमाशाई बना हुआ है, जिसको लेकर लोगों में नगर पालिका के प्रति आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है। अघोषित पेयजल सप्लाई बंद होने से आमजन तीन दिनों से बुरी तरह से मुसीबत का सामना कर रहे हैं। लोग अपना दुःख-दर्द बया करते हुए कहते हैं कि है कि हाय-हाय नगर पालिका तेरी यही कहानी दिल में है दर्द आंखों में पानी। पेयजल की किल्लत के चलते लोग घड़ियाल आंसू बहा रहे हैं, साथ ही नगर पालिका परिषद को कोश रहे हैं।
शहर के मोहल्ला बनारसीदास पश्चिमी में पिछले तीन दिन से सुबह-शाम की पेयजल सप्लाई पूरी तरह से बंद चल रही है। मोहल्लावासी जहां एक और पेयजल के लिए बेहद परेशान है। हालत यह है कि शौचक्रिया के बाद आवदस्त के लिए पानी नहीं है। लोग स्नान भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में नगर पालिका परिषद को कोसना उनकी मजबूरी बन गई है। ऐसा प्रतीत होता है कि नगर पालिका परिषद को जनता जनार्दन की समस्याओं से अब कोई सरोकार नहीं रह गया है। चुनाव के समय जो घड़ियाली आंसू बहा रहे थे, वह अब जनता के दु:ख-दर्द को भूल चुके हैं। उन्हें जनता के दुःख-दर्द से कोई सरोकार नहीं रह गया है। वही कहावत सिद्ध हुई कि हमारी घानी से तेल निकले फिर बैल को नाहर खा जाए तो कोई चिंता नहीं। मोहाल के वाशिंदों नर्वदा प्रसाद सक्सेना, नीरज चतुर्वेदी, पिंकू वर्मा, सर्वेश कुमार शर्मा, राज नारायण शर्मा, भगवती प्रसाद वर्मा, आशीष कुमार, संतोष दुबे, आदित्य शुक्ला, मूंगा लाल दोहरे, अभिषेक दोहरे, सुरेश राठौड़, रानी प्रजापति, गीता देवी, मंजू देवी, मुकेश कुमार के अलावा दर्जनों मोहाल के बाशिंदों ने पेयजल आपूर्ति ठप हो जाने से नगर पालिका परिषद के प्रति अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि पेयजल संकट से वह बुरी तरह से परेशान हैं। आगे कहा कि नगर पालिका के जिम्मेदारों को यदि तीन दिन पानी नहीं मिले तो वह क्या करेंगे। पेयजल संकट के चलते मोहालवासी किंकर्तव्य विमूढ़ हो गये हैं। मोहालवासी कहते हैं कि जब नगर पालिका आम जनता को पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कर सकता है तो और उम्मीद करना बेमानी साबित होगा। देखना है कि नगर पालिका कुंभकरणी नींद से कब जागेगी, और लोगों की समस्याओं की ओर ध्यान देगी, यह भविष्य के गर्त में है।