सूर्य मन्दिर दर्शन के लिए यमुना मे चलाया जाए स्टीमर
__________
मनोज पाण्डेय—
कालपी(जालौन)
ऐतिहासिक पौराणिक नगर कालपी में वेद व्यास की जन्म स्थली व्यास टीला से सूर्य मन्दिर तक जल मार्ग तैयार कर स्टीमर चलाया जाए तो सूर्य मन्दिर को देखना सरल हो जाएगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।चूंकि कालपी से सीधा कोई सड़क मार्ग नहीं है जिसके चलते भगवान क्रष्ण के पौत्र साम्ब द्वारा बनवाए गए अदभुद अलौकिक अविस्मरणीय पौराणिक सूर्य मन्दिर उपेक्षित है और देश की एक अनमोल धरोहर लोगों और शासन प्रशासन की नजरों से ओझल है जिसके चलते दुनिया का तीसरा सूर्य मन्दिर अपना वजूद खोता जा रहा है। वन विभाग की अडचन के चलते सड़क नहीं बन पा रही है इसका सबसे उत्तम विकल्प जल मार्ग ही है। स्थानीय ञन प्रतिनिधि को इस पर विचार करना अति आवश्यक है।
उक्त विषय पर पूर्व भाजपा बिधायक डाक्टर अरुण मैहरोत्रा ने बताया कि कालपी में पर्यटन की अपार संभावनाए हैं यमुना तट पर बसे इस पौराणिक नगर में यमुना तट पर महर्षि वेदव्यास की जन्म भूमि पर दर्शनीय बाल व्यास मन्दिर है इसके अतिरिक्त विश्व के तीन सूर्य मन्दिरों मे सुमार एक सूर्य मन्दिर नगर से लगभग 15 किलोमीटर दूर यमुना किनारे स्थित ग्राम मदरालालपुर में है जहां यदि सड़क मार्ग से जाए तो 35_40 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है । यदि जल मार्ग से आने जाने के लिए यमुना में स्टीमर चलाया जाए तो आसानी से पर्यटक वहां जा सकते हैं। व्यास मन्दिर से यदि स्टीमर चलने लगे तो व्यास मन्दिर किलाघाट बाई घाट पीला घाट रेलवे पुल ढोढेश्वर पथिक आश्रम लक्ष्मण दास की मठिया देखते हुए सूर्य मन्दिर को देखना आसान होगा । लोग जल मार्ग के सफर का लुफ्त उठाने के साथ अदभुद सूर्य मन्दिर का अवलोकन कर देश की अद्भुत प्रक्रति और ऐतिहासिक पौराणिक महत्व के नगर की धरोहरों का दीदार कर सकेंगे।