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पहलगाम में हिंदुओं का नरसंहार करने वालों को NYT ने नहीं कहा ‘आतंकवादी

पहलगाम में हिंदुओं का नरसंहार करने वालों को NYT ने नहीं कहा ‘आतंकवादी’ अमेरिकी संसद की कमिटी ने लगाई लताड़ कहा- कत्लेआम करने वालों को छूट नहीं

अमेरिकी निचली सदन की विदेश मामलों की एक समिति ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स के रिपोर्टिंग की आलोचना की है
कमेटी ने कहा, ” यह साफ तौर पर एक आतंकवादी हमला था
चाहे भारत हो या इजराइल, जब आतंकवाद की बात आती है
तो न्यूयॉर्क टाइम्स वास्तविकता से दूर हो जाता है
निचले सदन के प्रतिनिधि ब्रायन मास्ट की अध्यक्षता वाली समिति ने शनिवार (19 जुलाई 2025) को कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने उस पर बैन लगाया है
रेजिस्टेंस फ्रंट एक विदेशी आतंकवादी संगठन है और उस पर रोक जरूरी है”
समिति ने कहा, “जब आप नागरिकों का कत्लेआम करते हैं तो आपको छूट नहीं मिलती
सबके साथ न्याय होना चाहिए पहलगाम में हुआ हमला एक आतंकवादी हमला था”
समिति ने एक्स पर 22 अप्रैल को किए गए अपने पोस्ट का भी हवाला दिया
जब समिति ने पहलगाम हमले पर न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट की आलोचना की थी
इस पोस्ट में हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी ने शीर्षक में ‘उग्रवादी’ शब्द को हटाकर उसके स्थान पर ‘आतंकवादी’ शब्द रख दिया गया और उसे बोल्ड कर दिया
प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति ने टीआरएफ को ग्लोबल टेरर संगठन घोषित करने का स्वागत भी किया है
पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा टीआरएफ यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट पर हाल ही में अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है
अमेरिका ने द रेजिस्टेंस फ्रंट को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने टीआरएफ के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा की थी
उन्होंने कहा था कि ट्रंप सरकार ने आतंकवाद से लड़ने और पहलगाम हमले में न्याय दिलाने के लिए ये निर्णय लिया है

भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका ने TRF को आतंकी संगठन घोषित करके अच्छा किया
उन्होंने X पर लिखा कि यह भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रिश्ते का सबूत है जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अमेरिकी विदेश विभाग की तारीफ भी की

क्या है टीआरएफ, कैसे काम करता है?

लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा और प्रॉक्सी संगठन टीआरएफ ने 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस दर्दनाक हमले में 26 नागरिक मारे गए थे
टीआरएफ सीधे-सीधे बड़ा संगठन नहीं है
यह छोटे-छोटे आतंकी समूहों की तरह काम करता है
जिन्हें टेरर मॉड्यूल कहते हैं
इनमें फाल्कन स्क्वाड जैसे नाम शामिल हैं
ये समूह किसी खास काम के लिए तैयार होते हैं और काम खत्म होने के बाद या तो खत्म हो जाते हैं या अपना चेहरा बदल लेते हैं
टीआरएफ के आतंकी बहुत चालाक होते हैं। वे आम लोगों की तरह रहते हैं
हमला करने से पहले वे अपनी जगह की रेकी करते हैं, यानी वहाँ की पूरी जानकारी जुटाते हैं
फिर वे हथियार इकट्ठा करते हैं और ट्रेनिंग लेते हैं
हमले के बाद वे अपने हथियार छिपा देते हैं और घाटियों या जंगलों में छिप जाते हैं

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