कानपुर देहात
गैर इरादतन हत्या के दोषी को माननीय न्यायालय ने सुनाई 7 वर्ष की सजा
ट्यूशन से लौट रही छात्रा को कार से टक्कर मार कर घसीटते हुए ले गया था कार का चालक
वर्ष 2015 का मामला जालौन के झांसी रोड रामनगर उरई के निवासी हैं उपरोक्त मामले के दोषी
उपरोक्त मामले की माननीय अपर जिला जज- 6 की अदालत में चल रही थी सुनवाई
माननीय न्यायालय ने उपरोक्त मामले के दोषी को 21000 रुपए के अर्थ दंड से भी किया है दंडित
अर्थ दंड की 75% धनराशि मृतका के पिता को दिए जाने के भी माननीय न्यायालय ने दिए हैं आदेश, अर्थदंड की धनराशि अदा न करने पर उपरोक्त मामले के दोषी को एक वर्ष का काटना होगा अतिरिक्त कारावास
कानपुर देहात
पुखरायां में वर्ष 2015 में ट्यूशन पढ़ाकर घर जा रही एक युवती को लापरवाही से कार चल रहे चालक ने टक्कर मारकर उसे घसीट दिया था इससे युवती की मृत्यु हो गई थी इस मामले की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने इस मामले के आरोपी को इस मामले में दोष सिद्ध करते हुए उसे 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है…
भोगनीपुर कोतवाली क्षेत्र के शिवाजी नगर पुखरायां निवासी शुगर सिंह ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने बताया था कि 10 जुलाई 2015 की शाम को उनकी पुत्री प्रियंका कस्बा पुखरायां से ट्यूशन पढ़ाकर अपनी साइड से अपने घर पैदल वापस आ रही थी जैसे ही वह अपने घर के पास पहुंची इस दौरान माती मुख्यालय की ओर से बिना नंबर की तेज रफ्तार से दौड़ती हुई आई कार ने उनकी बेटी प्रियंका को टक्कर मार दी और उसे घसीटते हुए ले गया घटनास्थल के पास मौजूद अन्य लोगों ने शोर मचाया तो उपरोक्त गाड़ी का चालक भोगनीपुर की ओर भागने लगा लोगों ने उसका पीछा करके उसे यमुना पुल के पास पकड़ लिया कार मे नीचे की ओर फसी उनकी पुत्री प्रियंका मृत अवस्था में मिली… पुलिस कार चालक जालौन जनपद के झांसी रोड रामनगर उरई निवासी योगेंद्र सिंह को पड़कर साथ ले गई पुलिस ने उपरोक्त मामले में आरोपी चालक को जेल भेजने के साथ ही उसके खिलाफ आरोप पत्र भी माननीय न्यायालय में पेश किए थे उपरोक्त मामले की सुनवाई मान्य अपर जिला जज- 6 की अदालत में चल रही थी।…. शुक्रवार को उपरोक्त मामले की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें ने सुनने के बाद उपरोक्त मामले के आरोपी को इस अपराध में दोष सिद्ध करते हुए उसे 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है इसके साथ ही माननीय न्यायालय ने इस मामले के दोषी 2 लाख एक हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है,,, माननीय न्यायालय ने अर्थ दंड की धनराशि में से 75 प्रतिशत धनराशि मृतका के पिता को दिए जाने के आदेश के साथ ही ही अर्थ दंड की धनराशि अदा न करने पर उपरोक्त मामले के दोषी को 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास काटने के आदेश दिए हैं…