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कानपुर देहात-एआरटीओ कार्यालय पर दलाल एवं दलाली का वर्चस्व आम जनमानस एवं वाहन स्वामियों के लिए बना मुसीबत

एआरटीओ कार्यालय पर दलाल एवं दलाली का वर्चस्व आम जनमानस एवं वाहन स्वामियों के लिए बना मुसीबत

बिना रिश्वत दिए उपरोक्त कार्यालय में नहीं होता है कोई काम, हर काम लिए निर्धारित हैं रिश्वत के दाम

प्रत्येक कार्य दिवस में उपरोक्त कार्यालय के परिसर एवं भवन के अंदर मौजूद रहते हैं भारी संख्या में दलाल एवं बिना वेतन वाले निजी कर्मचारी

कानपुर देहात… जहां एक तरफ भाजपा की केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा देश तथा प्रदेश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक जोरदार मुहिम चलाई जा रही है वहीं जनपद कानपुर देहात के उप संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय पर चरम सीमा पर व्याप्त भ्रष्टाचार आम जनमानस एवं वाहनों के स्वामियों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है….
उपरोक्त कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों की आंखों के सामने ही यहां सक्रिय दलालों एवं बिना वेतन वाले निजी कर्मचारियों द्वारा दलाली जैसे घृणित कार्य को अंजाम दिया जा रहा है वहीं उपरोक्त कार्यालय में होने वाले विभिन्न प्रकार के कामों के लिए रिश्वत के दाम भी निर्धारित कर रखे गए हैं…. इतना ही नहीं उपरोक्त कार्यालय में रिश्वत की धनराशि का लेनदेन करने के लिए बकायदे कोड वर्ड का इस्तेमाल होता है….
प्राप्त जानकारी के आधार पर. .. जनपद कानपुर देहात के ए आरटीओ कार्यालय पर सक्रिय कथित दलालों एवं बिना वेतन वाले कर्मचारियों के द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस में नियमित रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर उपरोक्त कार्यालय परिसर में ही नहीं बल्कि उपरोक्त कार्यालय भवन के अंदर बैठकर इस कार्यालय में अपना काम लेकर आने वाले लोगों को अपने चंगुल में फंसा कर दलाली का शिकार बनाया जा रहा है…. समाजवादी पार्टी के नेता सुरेश सक्सेना ने बताया कि सड़क एवं परिवहन विभाग के जनपद कानपुर देहात का एक ऐसा कार्यालय है जहां पर दर्जनों की संख्या में बिना वेतन वाले निजी कर्मचारी प्रत्येक कार्य दिवस में कानपुर नगर एवं जनपद कानपुर देहात के विभिन्न अंचलों से नियमित रूप से आकर के उपरोक्त कार्यालय में बैठकर विभागीय कामकाज को निपटाते हैं… उपरोक्त कार्यालय के इर्द-गिर्द भारी संख्या में सक्रिय कथित दलालों ने अपनी दुकानेभी सजा रखी है उपरोक्त कार्यालय मे सक्रिय दलालों एवं बिना वेतन वाले कर्मचारियों के द्वारा हर काम के लिए रिश्वत की धनराशि निर्धारित कर रखी गई है…. श्री सक्सेना ने आगे बताया कि वाहन चलाने की अनुज्ञप्ति बनवाने के लिए शासन द्वारा निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद प्रति अनुज्ञप्ति 2200 रुपए रिश्वत के रूप में तथा बड़े वाहन की फिटनेस कराने के लिए शासन द्वारा निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद 900 रुपए प्रति वाहन रिश्वत के रूप में यहां के जिम्मेदार अधिकारियों के पालतू एजेंटो के द्वारा वसूल किए जाते हैं उपरोक्त रिश्वत की धनराशि का आदान-प्रदान करने के लिए यहां के दलालों को बकायदे कोड वर्ड दे रखे गए हैं…. मंधना कानपुर निवासी अनिकेत पांडे ने बताया कि वह इस कार्यालय में विगत कई वर्षों से बिना वेतन के काम करते आ रहे हैं… ऊपरी आमदनी से ही उनका तथा उनके परिजनों का पालन पोषण होता है… इस कार्यालय में वाहन चलाने की अनुज्ञप्ति बनवाने आए रनिया निवासी बबलू ने बताया कि उपरोक्त कार्यालय पर दलाल एवं दलाली का पूरी तरीके से कब्जा है.. रिश्वत की धनराशि न देने पर यहां के निजी कर्मचारियों द्वारा इतना परेशान किया जाता है कि उनके द्वारा निर्धारित रिश्वत की धनराशि देने की मजबूरी हो जाती है…. उपरोक्त कार्यालय के अति नजदीकी सूत्रों ने बताया है कि उपरोक्त कार्यालय के परिसरमें बने सारथी भवन से लेकर उपरोक्त कार्यालय के भवन के अंदर तथा बाहर प्रत्येक कार्य दिवस में यहां के जिम्मेदार अधिकारियों की नजरों के सामने ही दलालों का जमावड़ा लगा रहता है…. वही शाम को उपरोक्त कार्यालय में सक्रिय दलाल बिना वेतन वाले कर्मचारियों के माध्यम से रिश्वत की धनराशि इकट्ठा करके इस कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों के सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा रहे हैं…. कस्बा अकबरपुर के गणमान्य लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार के प्रमुख अड्डे के रूप में जन-जन के बीच चर्चित उपरोक्त कार्यालय मे सक्रिय कथित दलाल एवं बिना वेतन वाले निजी कर्मचारी यहां के जिम्मेदार अधिकारी के आर्थिक विकास के लिए बेहद मददगार सिद्ध हो रहे हैं वहीं इस कार्यालय में चरम सीमा पर व्याप्त भ्रष्टाचार वाहनों के स्वामियों एवं आम जनमानस के लिए सर दर्द बना हुआ है अब देखना यह है कि आखिर जिला प्रशासन कानपुर देहात उपरोक्त कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए क्या प्रभावी कदम उठाता है…..

इनसेट

एआरटीओ कार्यालय में आज तक नहीं हो पाई है प्राविधिक निरीक्षक की नियुक्ति

जनपद कानपुर देहात के उप संभागीय परिवहन अधिकारी के कार्यालय से आर आई सत्येंद्र सिंह का आगरा तबादला होने के बाद विगत महीनो कुछ दिनों के लिए आरटीओ कार्यालय कानपुर नगर के चर्चित आर. आई अजीत सिंह को विभागीय अधिकारियों द्वारा इस कार्यालय में अटैच किया गया था… उपरोक्त कार्यालय में आते ही आर.आई अजीत सिंह ने अपने चिर परिचित अंदाज में यहां पूर्व में निर्धारित रिश्वत के दामों में इजाफा कर दिया था… तत्पश्चात यहां के अधिकारियों एवं उपरोक्त आर आई के बीच रिश्वत की धनराशि के बंटवारे को लेकर उत्पन्न हुई आंतरिक कलह के बाद सड़क एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों ने उपरोक्त आर. आई को यहां से हटा दिया था तब से उपरोक्त कार्यालय में आर.आई की कुर्सी सूनी पड़ी है…..

इनसेट

अब वाहन स्वामियों को याद आ रही है, यहां के पूर्व ए आरटीओ प्रशासन मनोज वर्मा एवं पूर्व आर आई सत्येंद्र सिंह की बेहतरीन कार्यप्रणाली

उप संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन के कार्यालय में वर्तमान समय में चरम सीमा पर व्याप्त भ्रष्टाचार से परेशान वाहनों के स्वामियों एवं जन सामान्य को अब उपरोक्त कार्यालय में ए आरटीओ प्रशासन रहे मनोज वर्मा की बेहतरीन कार्य प्रणाली याद आ रही है…. वहीं तमाम वाहन स्वामी एवं इस कार्यालय में अनुज्ञप्ति बनवाने के लिए आने वाले अभ्यर्थियों के द्वारा इस कार्यालय में आर .आई के पद पर कार्यरत रहे सत्येंद्र सिंह की भी बेहतरीन कार्य प्रणाली की प्रशंसा करते हुए वर्तमान समय में उपरोक्त कार्यालय मे बिना रिश्वत दिए कोई काम न होने पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उपरोक्त कार्यालय को बताया जा रहा है भ्रष्टाचार का प्रमुख अड्डा…..

इनसेट

सावधान

बिना वेतन वाले निजी कर्मचारी अंदर हैं, अंदर जाना है मना

 

एआरटीओ कार्यालय मे प्रत्येक कार्य दिवस के दौरान यहां के जिम्मेदारों द्वारा अवैतनिक निजी कर्मचारियो एवं इस कार्यालय में विभाग द्वारा तैनात लिपिको, एवं डीबीए को कार्यालय के अंदर करके मुख्य द्वार पर सुबह से लेकर देर शाम तक तालाबंदी करके होमगार्ड का कड़ा पहरा बैठाया जाना, एवं उसके बाद भी यहां के जिम्मेदारों का दलाल एवं दलाली पर अंकुश न होना, नजरों के सामने खुलेआम टहलते हुए दलालों के बीच में रहकर कार्य सरकार करने की नियमित कार्यशैली इस कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारी की निष्पक्ष तथा पारदर्शी कार्य प्रणाली के अलावा ईमानदारी पर लग रही है सवालिया निशान….

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