कानपुर देहात
बैंकों की जिला स्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) की हुई बैठक, दिये गए निर्देश
बैंक प्राथमिकता वाले क्षेत्रों (कृषि, पशुपालन, मत्स्य) में उपलब्ध करायें ऋण
बैंकर्स शासकीय योजनाओं से सम्बन्धित ऋण पत्रावलियों का समयान्तर्गत करें स्वीकृत।
कानपुर देहात
जिलाधिकारी आलोक सिंह की अध्यक्षता में बैंकर्स की जिला स्तरीय समीक्षा समिति (डी0एल0आर0सी0) की बैठक मॉ मुक्तेश्वरी देवी सभागार कक्ष कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई। बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक ऋण योजना सहित अन्य योजनाओं में जनपद के बैकों को आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष योजनावार प्रगति की जानकारी सम्बंधित विभागीय अधिकारी एवं बैंक के प्रतिनिधि से प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि ऋण पत्रावलियों को बैकों में अनावश्यक लम्बित न किया जाए व अपूर्ण पत्रावली को सम्बंधित विभाग बैंक एवं आवेदक के साथ समन्वय स्थापित कर पूर्ण कराते हुए नियमानुसार ऋण पत्रावलियों को शीघ्र स्वीकृत किया जाये। एलडीएम ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में किसान क्रेडिट कार्ड हेतु 130084 के लक्ष्य के सापेक्ष दिसम्बर 2024 तक 57777 आवेदन स्वीकृत किये जा चुके है, वहीं मत्स्य पालन केसीसी अन्तर्गत 21 पत्रावलियों को स्वीकृत किया गया है, पशु पालन केसीसी अन्तर्गत 8370 पत्रावलियां स्वीकृत की जा चुकी है, मुख्यमंत्री युवा विकास अभियान योजना अन्तर्गत 1000 के भौतिक लक्ष्य के सापेक्ष 674 पत्रावलियां बैंकों को भेजी गयी, जिसमें से 182 पत्रावलियों में ऋण स्वीकृत किया गया तथा 72 पत्रावलियों में ऋण वितरित किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने विभिन्न बैंकों द्वारा ऋण पत्रावलियों को समयान्तर्गत स्वीकृत न करने, प्राथमिकता के क्षेत्र में कम ऋण वितरण करने व ऋण जमानुपात कम होने के दृष्टिगत रोष व्यक्त किया तथा बैंकों को विशेषकर स्टेट बैंकऑफ़ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक व इण्डियन बैंक द्वारा ऋण पत्रावलियों को समय से स्वीकृत करने, सीडी रेशियों बढ़ाने व प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ऋण उपलब्ध कराने पर विशेष जोर देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रहीं कल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने में बैकों का महत्वपूर्ण योगदान है, इसमें रूचि लेते हुए बैंक अधिकारी लम्बित पत्रावलियों को अविलम्ब निस्तारित करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि बैंक द्वारा अनावश्यक रूप से पत्रावलियों को लंबित रखने से न केवल बैंकिंग सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है बल्कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं भी प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पाती हैं और अन्ततः जनपद का विकास प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कृषकों, पशुपालकों, मत्स्य पालकों की अधिक से अधिक के0सी0सी0 बनाई जाए। उन्होंने विभिन्न बैंकों को ऋण जमानुपात बढ़ाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने बैंकों के जिला समन्वयकों को आइजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण समय अंतर्गत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आईजीआरएस शिकायतों के निस्तारण करते समय शिकायतकर्ता से बात कर उसका फीडबैक जरूर लिया जाए, शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने पर ही शिकायत को निक्षेपित किया जाए। बैठक में जनपद में ऋण जमा अनुपात में अपेक्षित वृद्धि, वार्षिक ऋण योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के पात्र किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से संतृप्त करना, दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना में जिले की उपलब्धि, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, स्वतः रोजगार योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, मुख्यमंत्री युवा विकास अभियान योजना सहित सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं में बैंकवार आंवटित लक्ष्य एवं प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गयी। तत्पश्चात आरसेटी द्वारा करायें जा रहे प्रशिक्षण की समीक्षा कर जिलाधिकारी ने प्रशिक्षण उपरान्त प्रशिक्षु को समय से ऋण उपलब्ध कराने व रोजगार से जोड़ने के निर्देश दिये। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को अपने लाभार्थियों को आरसेटी के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाने के भी निर्देश दिये। बैठक में नावार्ड द्वारा तैयार की गयी सम्भाव्यतायुक्त ऋण योजना वर्ष 2025-26 पर आधारित पुस्तक का विमोचन जिलाधिकारी द्वारा किया गया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन0, परियोजना निदेशक वीरेन्द्र सिंह, एलडीएम राकेश कुमार, उप निदेशक कृषि रामबचन राम, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, रिजर्ब बैंक के पदाधिकारी, नाबार्ड के पदाधिकारी सहित बैंकर्स आदि उपस्थित रहे।