भी भी जिले में 40732 बच्चे यूनिफॉकड़ाके की ठंड का इंतजार कर रहा बेसिक शिक्षा विभाग, 40000 बच्चों के खातों में नहीं पहुंची यूनिफॉर्म की धनराशि
कानपुर देहात….शासन की तरफ से सरकारी स्कूलों में यूनिफार्म के लिए धन वितरित करने के उद्देश्य से आधार बनाने व सत्यापन करने के लिए कई माह का समय दिया गया लेकिन अर्म की धनराशि से वंचित हैं। जिले के परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत 11049 छात्र-छात्राओं का आधार कार्ड नहीं बन पाया है और 29683 छात्र-छात्राओं के नाम, उम्र एवं पिता के नाम में त्रुटियां हैं। पंजीकृत रजिस्टर से इन बच्चों की डिटेल मैच नहीं कर रही है जिससे इन्हें यूनिफाॅर्म की धनराशि नहीं मिल पा रही है। यूनिफाॅर्म खरीदने के लिए डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजना के जरिए अभिभावकों के खाते में 1200 रुपए भेजे जाते हैं। आधार कार्ड न बनने के कई कारण भी बताए जा रहे हैं। कुछ प्रमाण पत्र अनिवार्य कर देने से भी ऐसी स्थिति सामने आ रही है। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जिले में 1925 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या वर्तमान शैक्षणिक सत्र में करीब एक लाख 55 हजार है। नौनिहालों की यूनिफाॅर्म, जूता-मोजा, स्कूल बैग, स्टेशनरी आदि की खरीदारी करने के लिए डीबीटी योजना के तहत सरकार की ओर से 1200 रुपए अभिभावकों के बैंक खाते में भेजे जाते हैं। इसमें 40732 छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जिनका अभी तक या तो आधार कार्ड नहीं बना है या उनके आधार कार्ड का डाटा छात्र पंजीकृत रजिस्टर से मैच नहीं कर रहा है लेकिन शिक्षा विभाग का दावा है कि जिले के सभी ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर बच्चों के आधार कार्ड निशुल्क बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही आधार कार्ड बनवाने के लिए अभिभावकों को जागरूक भी किया जा रहा है लेकिन फिर भी कुछ अभिभावक इस कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं।
इन वजहों से भी नहीं मिल रहा योजना का लाभ-
बच्चों का आधार कार्ड न बन पाने के पीछे कई वजहें सामने आ रही हैं। इसमें अभिभावकों की सबसे बड़ी लापरवाही बताई जा रही है।अभिभावक अपने बच्चों का आधार बनवाने के लिए प्रयास नहीं कर रहे हैं। इसी तरह कुछ छात्रों का बायोमेट्रिक में अंगूठा न लगना भी इन कारणों में से एक है। इसके अलावा आधार कार्ड बनाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। तमाम छात्रों का न तो जन्म प्रमाण पत्र बना है और न ही निवास प्रमाण पत्र है।आधार विहीन व आधार प्रमाणीकरण की कार्यवाही पूरी नहीं होने से बच्चों को फिलहाल अभी अनुदान राशि मिलने की उम्मीद नहीं है। विभागीय कर्मचारी बताते हैं कि काफी बच्चों के आधार में नाम, उम्र, पते में त्रुटियां हैं। वहीं अभिभावकों के नाम पते भी गलत हैं। बच्चों की बायोमैट्रिक नहीं पकड़ में आ रही है। अब जन्म प्रमाण पत्र भी लगने लगा है। आधार प्रमाणीकरण न होने के कारण यह समस्याएं हो रही हैं।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय का कहना है कि सभी ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर विभाग की ओर से बच्चों का नि:शुल्क आधार कार्ड बनाया जा रहा है। इसके साथ ही सभी अभिभावकों को आधार कार्ड बनवाने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। जिन स्कूलों के बच्चों को यूनीफार्म की धनराशि नहीं मिल सकी है। उनके आधार बनवाने के साथ ही आधार प्रमाणीकरण की कार्यवाही लगातार जारी है। अनुदान योजना से कोई भी बच्चा वंचित न रहे इसके लिए भरसक प्रयास किया जा रहा है…