बिना अनुमति गैर प्रांतों में भेजा जा रहा लाही का भूसा
प्रशासन की उदासीनता से भूसा तस्कर बेखौफ धंधे को दे रहे अंजाम
बिधूना,औरैया। लाही की मड़ाई शुरू होते ही भूसा तस्कर सक्रिय हो गये हैं। लाही के भूसे की तस्करी में संलिप्त धंधेबाजों द्वारा बिना अनुमति के गैर प्रांतों में भूसा भेजे जाने से जिले में ईट भट्टों की फुकाई प्रभावित होने से जहां ईट भट्ठा संचालक चिंतित हैं, वहीं भूसे की हो रही कमी से पशुपालक भी पशुओं के चारे की समस्या को लेकर परेशान है। लाही की फसल की मड़ाई शुरू होते ही औरैया जिले की बिधूना औरैया अजीतमल समेत तीनों तहसील क्षेत्रों में लाही के भूसे की तस्करी जोरों पर चालू हो गई है।
आलम यह है कि गांवों में भूसे की तस्करी में लगे धंधेबाज भोलेभाले किसानों को अपने माया जाल में फंसा कर और काफी सस्ती कीमत पर लाही का भूसा खरीद कर ट्रैक्टर ट्रालियों व मेटाडोरों ट्रकों में भरकर नियम कानून को ठेंगा दिखाते हुए बिना अनुमति गैर प्रांतों में तस्करी कर भूसा ले जा रहे हैं। यही नहीं देखने में यह भी आ रहा है कि कुछ भूसा तस्करों के एजेंट जगह- जगह भूसे का भंडारण कर दूसरे राज्यों के भूसा माफियाओं को भूसा बेंच रहे हैं। अवैध रूप से बड़े पैमाने पर हो रही भूसा की तस्करी से एट भट्टों पर ठुकाई का काम प्रभावित होने की आशंका से जिले के ईंट भट्ठा संचालक बेहद चिंतित और परेशान हैं किंतु इसके बावजूद भूसे की तस्करी थमती नजर नहीं आ रही है। जनचर्चा तो आम यह है कि बिना परमिशन बिना जीएसटी पंजीकरण के अवैध रूप से भूसे की तस्करी होने के बावजूद भी संबंधित अधिकारियों द्वारा इस पर अंकुश न लगाए जाने से संबंधित अधिकारियों की नियत पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है। इस पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। गैर प्रांतों में भूसे की हो रही तस्करी से जिले के ईट भट्टे बंद होने की कगार पर पहुंच सकते हैं साथ ही भूसे की कमी से पशुपालकों के समक्ष भी पशुओं के चारे की समस्या उत्पन्न होने से पशुपालक भी बेहद परेशान है। जिले के पशुपालकों का कहना है कि यदि जल्द गैर प्रांतों में भूसे की तस्करी न रोकी गई तो पशुपालक इसके विरुद्ध निर्णायक आंदोलन शुरू करने को भी मजबूर हो सकते हैं।