न्यायालय ने शादी के उद्देश्य से युवती को भगा ले जाने के दो आरोपियों को किया दोष मुक्त
अपर जिला सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम अतीक उद्दीन ने सुनाया निर्णय
थाना अजीतमल में वर्ष 2011 में दर्ज हुआ था मुकद्दमा
आरोपी रतीराम के अधिवक्ता सुरेश कुमार मिश्र एडवोकेट ने की थी पैरवी
औरैया। थाना अजीतमल क्षेत्र से एक नाबालिग लड़की को बहला- फुसलाकर ले जाने 13 वर्ष पुराने मामले में अपर जनपद एवं सत्र न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए अभियुक्तगणों सलीमा व रतीराम को दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया।
वादी ने कोर्ट में 156 (3) दO प 0 सं0 के तहत थाना अजीतमल में रिपोर्ट लिखाई थी कि उसके पुत्र की शादी 3 जून 2011 को होनी थी जिससे शादी की तैयारियों के लिए कपड़े न जेवर आदि सामान उसने घर पर जोड़ रखा था। बीते 6 मई 2011 को करीव रात्रि 8 बजे कुँअर उर्फ पुतई, सलीमा, महेंद्र ,मेम्बर सिंह एवं जगराम आये इन लोगों को पहले से जानता था। उनका उसके घर आना जाना था। रात हो जाने के कारण सलीमा व मेंबर सिंह घर पर सो गये। वादी की रात में नींद खुली तो घर आये मेहमान व उसकी 16 वर्षीया पुत्री नदारत मिली। खोज करने पर पता चला कि सलीमा पत्नी उम्मेद अली निवासी भदसान (अजीतमल) व रतीराम पुत्र रामलाल निवासी मुड़ेना रूप शाह उसकी पुत्री को बहला-फुसलाकर ले गये। चार्जशीट के बाद यह मुकदमा ए० डी० जे० कोर्ट में चला। बचाव पक्ष के वकील विष्णुहरि दुवे व सुरेश कुमार मिश्रा ने अभियोजन के बयान से स्पस्ट कर घटना को गलत बताया। कोई चतुदर्शी साक्षी नहीं है। अभियोजन व बचावपक्ष को सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एफ० टी० सी० प्रथम अतीक उद्दीन ने दोनों अभियुक्त सलीमा व रतीराम को दोषमुक्त कर बरी करने का निर्णय पारित किया। अधिवक्ता सुरेश मिश्र ने बताया कि उन्होंने एक अत्यंत गरीब और लाचार अभियुक्त रतीराम कि की बिना किसी फीस लिए की थी जोरदार और प्रभावी पैरवी की थी।