अपहरण में पत्नी सहित तीन दोषियों को दस साल की सजा
उपरोक्त मामले की माननीय अपर जिला जज प्रथम श्री चंद्रशेखर की अदालत में चल रही थी सुनवाई.
कानपुर देहात….मंगलपुर क्षेत्र के गांव उड़नवापुर में करीब बारह साल पहले एक व्यक्ति घर आए रिश्तेदार को अपनी पत्नी के साथ गांव बाहर छोड़ने गया था।जहां से वह घर वापस नहीं लौटा।उसकी पत्नी के गोलमोल जवाब देने पर युवक की मां ने बहू सहित तीन लोगों के खिलाफ पुत्र के अपहरण कर गायब कर देने का मामला दर्ज कराया था।जिसकी सुनवाई करते हुए अपर जिला जज प्रथम ने पत्नी सहित तीनों आरोपियों को दोषसिद्ध करते हुए दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई साथ ही अर्थदंड भी लगाया है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता कृष्ण कुमार सिंह व विवेक त्रिपाठी ने बताया कि मंगलपुर क्षेत्र के गांव उड़ानवापुर निवासनी कमलेश ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी इसमें बताया था कि उसके पुत्र कोमल की शादी शिवली क्षेत्र के गांव बेरी बस्ता की रहने वाली सुषमा के साथ एक साल पहले हुई थी।तीन जुलाई 2011 की रात घर पर दो अज्ञात व्यक्ति आए उन्होंने अपने को सुषमा का रिश्तेदार बताया।करीब एक घंटा बाद जब वह जाने लगे तो उसकी बहू सुषमा ने मेरे लड़के से कहा कि चलो इनको गांव के बाहर तक छोड़ आए तो उसका लड़का साथ चला गया।कुछ समय बाद सुषमा अकेले वापस आई और गांव में रहने वाले अपने बहनोई शिवशरण के घर चली गई। वहां से वापस आने पर जब उसने अपने पुत्र के बारे में पूछा तो गोलमोल जवाब देने लगी।लड़के की काफी तलाश करने पर उसकी जानकारी नहीं हुई।पुलिस ने मामले की विवेचना कर सुषमा ,शिवशरण सहित शिवली क्षेत्र के बेरी बस्ता निवासी अमर सिंह के खिलाफ अपहरण मामले में आरोप पत्र अदालत में दाखिल किए थे।मामले की सुनवाई अपर जिला जज प्रथम श्री चंद्रशेखर की अदालत में चल रही थी।शुक्रवार को अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद तीनों आरोपियों को दोषसिद्ध करते हुए दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई साथ ही प्रत्येक पर दस हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है वहीं अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का अतरिक्त कारावास काटने के आदेश दिए हैं।