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कानपुर देहात.-विकास दुबे के खजांची की गुपचुप ढंग से गुंडाएक्ट खत्म

विकास दुबे के खजांची की गुपचुप ढंग से गुंडाएक्ट खत्म

« देश भर में चर्चित हुआ था कानपुर का बिकरू कांड

घटना में सीओ सहित कई पुलिस कर्मियों को माफिया विकास दुबे ने गोलियों से दिया था भून

कानपुर देहात…
देश भर में चर्चित विकरू कांड के आरोपी जयकांत बाजपेई ऊर्फ विकास दुबे के खजांची की कानपुर पुलिप्त कमिश्नरेट ने गुपचुप तरीके से गुंडा एक्ट खत्म कर दी है। इसके साथ ही टॉप- 10 अपराधी की लिस्ट से नाम भी हटा दिया गया है। जबकि बिकरू कांड के मुख्य आरोपी एनकाउंटर में मारा गया गैंगस्टर विकास दुबे कांड में जयकांत बाजपेई उर्फ खजांची भी आरोपी है। चंद महीने पहले ही कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में जयकांत को 10 साल की सजा भी सुनाई है। इसके बाद भी कानपुर पुलिस कमिश्नरेट रहम बरत रही है….
नजीराबाद थाना क्षेत्र का रहने वाला जयकांत बाजपेई भी कानपुर के चर्चित बिकरू कांड में आरोपी है। गैंगस्टर विकास दुबे का खजांची जयकांत बाजपेई था। गैंगस्टर विकास दुबे ने विकरू कांड के बाद अपनी लग्जरी कार, असलहे और पैसे देकर उसे भगाने की कोशिश की, लेकिन जयकांत की तीनों गाड़ियों को पुलिस ने पकड़ लिया था। 2021 में जयकांत को गुंडा कानून भी लगाया गया था। वह भी नजीराबाद थाने की टॉप-10 अपराधियों में था. हालांकि, कुछ दिन पहले नजीराबाद पुलिस ने जयकांत बाजपेई का गुंडा कानून गुपचुप रूप से खत्म कर दिया। मामले में जानकारी लेने पर नजीराबाद थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी के आदेश पर जयकांत बाजपेई की गुंडा एक्ट खत्म की गई है। नजीराबाद थाना के प्रभारी फिलहाल कौशलेंद्र प्रताप हैं। बिकरू कांड के दौरान, कौशलेंद्र प्रताप सिंह के पैर में भी गोली लगी थी। कौशलेंद्र बिकरू कांड के प्रत्यक्षदर्शी हैं। लंबे इलाज के बाद कौशलेंद्र काम पर वापस लौट सके थे। इसके बाद भी कौशलेंद्र के कार्यकाल पर जयकांत बाजपेई की गुंडा एक्ट खत्म होने और टॉप-10 अपराधी की लिस्ट से नाम हटाने पर उनकी भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है।

खुद कठघरे में पुलिस की कार्रवाई…

चौबेपुर पुलिस ने बिकुर कांड के आरोपियों में से 30 लोगों पर गैंगेस्टर की कार्रवाई की थी। विकास दुबे का खजांची जयकांत बाजपेई नाम भी था। 5 सितंबर 2023 को, जयकांत बाजपेई सहित 23 आरोपियों को कानपुर देहात की कोर्ट की गैंगस्टर कोर्ट ने दस वर्ष की कैद और 50 से 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके बावजूद, कानपुर पुलिस ने गुंडा एक्ट मामले में राहत देकर खुद कटघरे में खड़ी हो गई है। आपको बता दें कि बीते 2 जुलाई 2020 की रात, बिकरू कांड के बाद एनकाउंटर में मारा गया गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। सीओ देवेंद्र मिश्र सहित आठ पुलिसकर्मी फायरिंग में शहीद हो गए और छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। 3 जुलाई की दोपहर को विजय नगर चौराहे पर जय बाजपेई की तीन लग्जरी कारें खराब हालत में मिली। पुलिस की मानें तो इन कारों का इस्तेमाल विकास दुबे और उसके गुर्गों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए होने वाला था ।पुलिस की सक्रियता के कारण ये गाड़ियां पकड़ ली गई थीं। यहीं से जय बजपेई पुलिस की रडार पर आ गया था। इसके बाद जयकांत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके उसे जेल भेजा गया था। विकास दुबे के साथ उसकी संलिप्तता सामने आने पर जयकांत के खिलाफ गैंगस्टर और गुंडा एक्ट को कार्रवाई की गई थी….

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