बकेवर इटावा।
बकेवर लखना सहित ग्रामीणांचल में ऐसे निजी विद्यालय संचालक जो अभी तक अपने विद्यालय का रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराये हैं, ऐसे विद्यालयों पर शिकंजा कसना शिक्षा विभाग ने प्रारंभ तक नहीं किया।. विद्यालय के निबंधन व रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं करने वाले बकेवर के आधा दर्जन के करीब निजी विद्यालय के संचालकों पर प्रत्येक दिन के हिसाब से विभाग द्वारा तय जुर्माना लगाना आवश्यक होता है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग अपनी नींद में मदमस्त है। संबंधित शिक्षा विभाग कार्यवाही करने से कोसों दूर नजर आता दिख रहा है।
यही नहीं अवैध रूप से संचालित विद्यालय व इनके संचालक अपनी आमदनी को चौगुना करने में जुटे हैं।संचालकों का मानना है कि नियम कानून बनाये ही तोङने के लिये जाते हैं।
शिक्षा माफियाओं के नियम का उल्लंघन तो देखिये बकेवर में ही नामचीन एक विद्यालय जिसकी एक ही प्रांगण और इमारत में दो अलग अलग नाम से स्कूल संचालित है। जिसमें एक अंग्रेजी माध्यम और दूसरा हिन्दी माध्यम से संचालित है। जिसमें संचालित दो अलग संस्थानों का खेल मैदान और नियमानुसार मौजूद उपकरण केवल एक संस्था के लिये ही मान्य है। दूसरे संचालित स्कूल की व्यवस्था कहां ???
बकेवर के इटावा रोड, औरैया रोड पर ऎसे ही स्कूल संचालित है। जिन पर विभाग की जानबूझकर आजतक नजर न पङ सकी।
आश्चर्य की बात तो यह है कि इन अवैध रूप से संचालित विद्यालय में पढने वाले बच्चों की टीसी या मार्कसीट दूसरे अन्य विद्यालय में कैसे मान्य कर दी जाती है। और संचालक कैसे इसकी जुगाङ लगा लेते हैं।
बड़ा प्रश्न चिन्ह यहां उठना है कि शिक्षा विभाग की उदासीनता का कारण ही अवैध रूप से संचालित विद्यालय आखिर इतने बड़े पैमाने पर कैसे संचालन किया जा रहा है।इस डिजिटल इंडिया के दौर में आज भी बङे पैमाने पर धांधली लगातार हो रही है। इस पर आखिर तक पूर्णतः सुधार कब तक होगा