उरई जालौन
माधौगढ़ तहसील में चल रहा जमकर भ्रष्टाचार
उरई – जालौन के माधौगढ़ तहसील में भ्रष्टाचार का बोल वाला थमने का नाम नहीं ले रहा है न तो किसनो का ख्याला , और न ही अधिकारियों डर, ।
दर दर भटक रहा किसान,
किसान अपनी जमीन का बंधक कटवाने के लिए महीनों तहसील व बैंक के चक्कर लगाता घूमता जब भी वह तहसील पहुंच कर खतौनी मे बंधक कटवाने के लिए खतौनी निकलवा कर देखता तो उसकी खतौनी से जमीन बंधक काटी ही नहीं जाती और जब जानकारी करता तो बाबू लोग दिनभर तहसील की पटल के चक्कर कटवाते रहते और कभी इस पटल पर तो कभी उस पटल चक्कर लगाता घूमता रहता फिर भी खतौनी से बंधक नहीं काटी गई और बाबू लोग R C पटल या R k पटल चक्कर महीनों काटता रहता, और रोज रोज जाकर पूछता की भइया हमारी जमीन से बंधक कट गई तो बाबू लोग सड़ा सा मुंह बना कर टहलाने का काम करते कह देते की आज यह बाबू नहीं तुम कल आना। जब वह कल फिर पहुंचता तो वह फिर पूछता है भाई साहब हमे अपनी जमीन से बंधक कटवाना तो खतौनी में बाबू के पास जाकर देखो तो किसान भटकता हुआ खतौनी वाले बाबू के पास जाता है तो वह कहता कि अभी हमारे पास नहीं आई जाओ R K मे देखो जाकर वह फिर दूसरे दिन R k में पहुंचता तो उसको बताया जाता की हमारे यहां नहीं आई आपकी डाक बैंक मे जाकर पता करो फिर किसान भटकता हुआ बैंक जाता तो बैंक वाले बताते की एक माह हो गया आपकी डाक गए हुए तहसील में जानकारी करो इस तारीख में गई फिर वह तहसील पहुंचता तो R K मे जाकर बाबू से मिलता की भइया हमारी इस नाम से डाक आई है क्या आपके यह आए हुए एक माह हो गया आप कह रहे नहीं आई तो बाबू कहता कि जाओ पोस्ट ऑफिस मे देखो जाकर तो किसान पोस्ट ऑफिस से पहुंचता तो पोस्ट ऑफिस मे जानकारी करता तो वह बताता कि 21 तारीख में चली गई तो वह फिर आकर तहसील में पूछता कि भाई साहब मेरी डाक को एक महीना हो गया तहसील में आए हुए तो रजिस्टार के यहां व तहसील मे R k बाबू कहता अभी तक नहीं आई जाओ R C में देखो जाकर किसान फिर R C बाबू के पास पहुंचता तो वहां कहा जाता कि बाबू की तबियत खराब है तो अब किसी दूसरे का चार्ज मिलेगा तब दो चार दिन बाद आना यह कहकर टहला दिया जाता । जब चार दिन बाद वह किसान फिर पूछता है तो बोला जाता की अभी किसी बाबू का चार्ज नहीं हुआ जब चार्ज हो जाए तब आकर देखना यह हाल है माधौगढ़ तहसील का भगवान भरोसे चल रही तहसील किसान एक काम के लिए सालों चक्कर काट रहा यदि को अर्जेंट डाक हो तो पता ही चलेगा , जब सरकारी डाक का एक महीने से पता नहीं चल रहा तो आम जनता के वाकी के कम कैसे होते होंगे । और किसान सालों साल खतौनी से जमीन बंधक कटाने के लिए घूमता फिर रहा अगर वही किसान सुविधा शुल्क दे देता तो सब कम तत्काल हो जाता सुविधा शुल्क न देने से किसान को सालों तहसील के चक्कर लगाने पड़ते और बाद में वह किसान तहसीलदार से शिकायत करता फिर भी किसान की खतौनी से बंधक नहीं काटा गया यह हाल है माधौगढ़ तहसील मे अधिकारी व कर्मचारियों व बाबुओं का विना सुविधा शुल्क के नहीं होता कोई भी कार्य, वाह री मोदी, योगी जी की सरकार , तहसील में बैठे अधिकारी कर्मचारी सरकार का नाम बदनाम करने मे लगे , वाह री मोदी सरकार,
नाम न छापने की शर्त पर किसानों ने जिलाधिकारी से मांग की कि इन पटलों पर बैठे बाबू के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की