18 साल से कम उम्र के बच्चों को न दें वाहन, स्कूलों में भी होगी सख्ती
लखनऊ/कानपुर देहात। यूपी में उन अभिभावकों के खिलाफ अब ऐक्शन होगा जो 18 साल से कम उम्र के अपने बच्चों को बाइक और कार चलाने को देते हैं। उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिश पर परिवहन विभाग ने इसको लेकर सख्ती के निर्देश दिए हैं। कानून के मुताबिक अगर कोई अभिभावक अपने नाबालिग बच्चे को गाड़ी चलाने के लिए देता है उसे 3 साल की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान हैं। अब इस कानून को सख्ती से लागू कराने के निर्देश दिए गए हैं। उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने इसको लेकर 15 दिसंबर 2023 को इस प्रकरण को लेकर परिवहन आयुक्त को पत्र लिखा था। पत्र के साथ लोहिया और केजीएमयू के विशेषज्ञों के आंकड़ों का भी उल्लेख किया था जिसके मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले 40% नाबालिग बच्चे होते हैं। उन्होंने 18 साल से पहले बच्चों के वाहन चलाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
बाल आयोग के अनुरोध को गंभीरता से लेते हुए परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह की ओर से प्रदेश के सभी आरएम, एआरएम और आरटीओ को पत्र लिख कर चेकिंग के निर्देश दिए हैं। परिवहन आयुक्त ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 4 में स्पष्ट है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे वाहन नहीं चलाएंगे। 2019 में इसमें संशोधन कर एक नई धारा 199 क जोड़ी गई है जिसमें कहा गया है कि अगर किसी किशोर द्वारा वाहन चलाने का अपराध किया जाता है तो किशोर के अभिभावक और वाहन मालिक को दोषी मानते हुए दंडित किया जाएगा। साथ ही ऐसे किशोरों का ड्राइविंग लाइसेंस 25 उम्र के बाद ही बन सकेगा।
शिक्षा निदेशक ने भी लिखा पत्र- परिवहन विभाग के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने दो जनवरी 2024 को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को इस संबंध में पत्र लिखा है। निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में इसको लेकर एक हफ्ते का अभियान चलाया जाए और अभियान का पूरा ब्योरा निदेशालय को भेजा जाए….