महिला की जलाकर हत्या करने के दोषी को आजीवन कारावास
माननीय न्यायालय ने उपरोक्त मामले की दोषी पर आजीवन कारावास के साथ-साथ 40000 रुपए का लगाया अर्थ दंड
उपरोक्त मामले की माननीय विशेष न्यायालय एससी एसटी एक्ट श्री रजत सिन्हा की अदालत में चल रही थी सुनवाई
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कानपुर देहात…भोगनीपुर क्षेत्र में करीब आठ साल पहले एक गांव में विकलांग महिला को घर पर अकेले पाकर क्षेत्र के युवक ने उसके साथ छेड़छाड़ की थी विरोध करने पर उसके ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी थी जिससे महिला की मौत हो गई थी।इस मामले की सुनवाई करते हुए माननीय विशेष न्यायालय एस .सी .एस.टी एक्ट ने गुरुवार को दोषी को आजीवन कारावास की सजा सनाई साथ ही उसपर चालीस हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता आशीष कुमार तिवारी ने बताया कि भोगनीपुर क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी इसमें बताया था कि 25 जून 2015 की शाम घर से बाहर काम से गया था उसी समय क्षेत्र के जलपुरा निवासी दिनेश यादव घर में उसकी विकलांग पत्नी को अकेला पाकर घुस गया और उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा जिसका उसकी पत्नी ने विरोध किया तो उसने पत्नी पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी ।गंभीर अवस्था में पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां दौरान इलाज उसकी मौत हो गई । पुलिस ने मामले में विवेचना करते हुए आरोपी के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं के तहत आरोप पत्र अदालत में पेश किए थे।मामले की सुनवाई माननीय विशेष न्यायाधीश एस. सी.एस.टी एक्ट श्रीरजत सिन्हा की अदालत में चल रही थी।बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया था वहीं गुरुवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही उसपर चालीस हजार रूपए अर्थदंड भी लगाया है।
इनसेट
एक गवाह हो गया था पक्षद्रोही
सहायक शासकीय अधिवक्ता आशीष कुमार तिवारी ने बताया कि मामले में रहे अहम गवाह नरेंद्र ने अदालत में अपने बयान 19 अक्टूबर 2021में दर्ज कराए थे इसके बाद बचाव पक्ष की जिरह में उसने घटना का समर्थन नहीं किया और पक्षद्रोही हो गया था जिसपर इस गवाह से अभियोजन की ओर से जिरह की गई जिसमें गवाह ने घटना का समर्थन किया जो दोषी को सजा दिलाने में अहम रहा….
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मृत्यु कालिक बयान बना सजा का मुख्य आधार
सहायक शासकीय अधिवक्ता आशीष तिवारी ने बताया कि मामले में मृतका आग से अस्सी प्रतिशत जल गई थी उसका इलाज हैलट अस्पताल में चल रहा था उसी दौरान कानपुर नगर के तत्कालीन ए सी एम तृतीय श्री राकेश कुमार ने मृतका के मृत्यु पूर्व बयान दर्ज किए थे जिसमें मृतका ने पूरी घटना बताई थी जो दोषी को सजा दिलाने का मुख्य आधार बना….