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कानपुर देहात। यूजीसी ने लाखों छात्रों को बड़ी राहत देते हुए एक समय में दो डिग्रियां प्राप्त

मान्य होंगी पहले से हासिल की गईं एक साथ दो डिग्रियां

एक साथ दो डिग्री कोर्सेज को लेकर यूजीसी ने जारी की संशोधित गाइड लाइन

कानपुर देहात। यूजीसी ने लाखों छात्रों को बड़ी राहत देते हुए एक समय में दो डिग्रियां प्राप्त करने की बाध्यता खत्म कर दी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियम में संशोधन करने के बाद एक ही शैक्षणिक सत्र में प्राप्त दोनों डिग्रियां मान्य होंगी, चाहे वे रेगुलर, प्राइवेट या डिस्टेंस मोड में हों। यह नियम 2022 से पहले प्राप्त एक साथ डिग्रियों पर भी लागू होगा। देशभर के विश्वविद्यालयों से छात्रों द्वारा एक ही समय में अब तक हासिल की जा चुकी दो डिग्रियों की वैधता कायम रहेगी। यूजीसी ने अप्रैल 2022 में जारी गाइडलाइन में दर्ज पूर्व के वर्षों में एक साथ दो शैक्षणिक प्रोग्राम के दावे पर रोक के प्रावधान को हटा दिया है। नए नियमों में नोटिफिकेशन जारी होने से पहले यूजीसी के मानकों से छात्रों द्वारा एक साथ हासिल दो डिग्रियां मान्य होंगी। यूजीसी के इस फैसले से एकसाथ दो डिग्री कर चुके लाखों छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। यूजीसी ने पांच जून की देर रात संशोधित निर्देश वेबसाइट पर जारी कर दिए। यूजीसी ने 13 अप्रैल 2022 को एकसाथ दो शैक्षिक प्रोग्राम करने के लिए गाइडलाइन जारी की थी। इसमें छात्रों के लिए दो डिग्री एक साथ करने की कुछ शर्तें थी। इसके बिंदु संख्या पांच में यूजीसी की बाध्यता थी कि नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि से पहले का कोई भी छात्र इन लाभ के लिए दावा नहीं कर सकेगा। यानी जो छात्र 13 अप्रैल 2022 से पहले एक साथ दो डिग्रियां ले चुके थे वे इसके दायरे से बाहर हो गए थे।
यह है गाइडलाइन-
कोई भी छात्र एक साथ फिजिकल मोड में दो पूर्णकालिक पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकता है, लेकिन दोनों की कक्षाओं का समय समान नहीं हों। छात्र किसी एक प्रोग्राम को फिजिकल मोड जबकि दूसरे को ओडीएल या ऑनलाइन मोड अथवा दोनों को ओडीएल या ऑनलाइन मोड में कर सकता है।

अब किया संशोधन, वेबसाइट पर किया सार्वजनिक

यूजीसी ने इसी वर्ष तीन अप्रैल को हुई बैठक में उक्त नियम में संशोधन कर दिया। पांच जून को वेबसाइट पर इसे सार्वजनिक किया गया। यूजीसी ने संशोधन में पूर्व के वर्षों में लाभ लेने पर रोक की बाध्यता को हटा दिया है। नए नियमों के अनुसार गाइडलाइन जारी होने से पहले निर्धारित मानदंडों का पालन करते हुए एक साथ किए गए दो शैक्षणिक कार्यक्रम वैध माने जाएंगे। बशर्ते वह यूजीसी प्रथम डिग्री और मास्टर डिग्री विनियम, संबंधित विवि या विवि के कानून या अध्यादेशों के अनुसार और वैधानिक व्यावसायिक परिषद, यूजीसी की दूरस्थ शिक्षा परिषद या दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो से अनुमोदित हों। यूजीसी का यह नया दिशानिर्देश भारतीय उच्च शिक्षा में एक क्रांतिकारी कदम है जो छात्रों को अपनी शैक्षणिक और करियर को हासिल करने में मदद करेगा। 2022 से पहले की डिग्रियों को भी मान्यता देने का फैसला बहुत बड़ी राहत है।

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