बालू खदान तीन माह के लिए बंद होने से सन्नाटा
मंडियों में कारोबार हुआ प्रभावित
कालपी(जालौन)। बेतवा तथा यमुना नदियों में बालू खनन का कार्य बंद हो जाने का असर कई स्थानों में पड़ा है। वाहनों की आवाजाही कम हो जाने से सड़कों में सन्नाटा है, वहीं कई बाजार भी प्रभावित हुए हैं।
उल्लेखनीय हो कि खनन विभाग एवं ठेकेदारों के अनुबंध के मुताबिक 30 जून की रात 12 बजे से 3 माह के लिए नदियों से बालू खनन का कार्य पूर्णता बंद हो जाता है। इस वजह से यमुना नदी के तरीबुलदा खदान से खनन का कार्य बंद हो गया है, वहीं तहसील क्षेत्र के पथरेहटा, परासन, हिमनपुरा आदि के बेतवा नदी में भी खनन का कार्य बंद हो गया है। मालूम हो कि यमुना वह बेतवा नदियों की खदानों में बालू लादने के लिए सीतापुर, लखीमपुर, गोंडा, बहराइच, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, बाराबंकी आदि स्थानों से ट्रक आकर खदानों से बालू लादकर अपनी-अपनी मंडियों में ले जाकर विक्रय करते हैं। खदानों के बंद हो जाने से डंपर ट्रकों का आना-जाना भी बंद हो गया है। फलस्वरूप कदौरा-जोल्हूपुर मोड़ फोरलेन सड़को तथा कालपी-कानपुर हाइवे मार्ग में वाहनों की आवाजाही बहुत कम हो गई है। इसी प्रकार वाहनों की भीड़भाड़ से गुलजार रहने वाला जोल्हूपुर चौराहे में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। पैट्रोल पम्पों, मैकेनिकों, चाय की टपरियों तथा ढाबो की बिक्री भी प्रभावित हुई हैं।