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सीतापुर पत्रकार राघवेन्द्र हत्याकांड:आध्यात्मिक गुरु से विवाद

सीतापुर पत्रकार राघवेन्द्र हत्याकांड:आध्यात्मिक गुरु से विवाद और चेले से संबंध,पुलिस की हर थ्योरी को पत्नी ने नकारा

सीतापुर।उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड हुए एक हफ्ता बीत चुका है।पुलिस अभी तक इस हत्याकांड में किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।पुलिस बार-बार जांच की दिशा बदलती जा रही है।इस पर सवाल उठने लगे हैं।पहले खाद्यान्न घोटाला,जमीन की खरीद-फरोख्त और महिला से अवैध संबंधों की थ्योरी लाई गई थी।अब इस हत्याकांड को आध्यात्मिक गुरु से विवाद और उसके चेले से संबंधों की दिशा में मोड़ने की कोशिश हो रही है।

अब एक नई जांच थ्योरी सामने आई है।बताया गया है कि हत्याकांड एक तथाकथित आध्यात्मिक गुरु और उसके चेले से कथित संबंधों से जुड़ा हो सकता है।ये थ्योरी सामने आने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया।पुलिस की इस नई थ्योरी को खुद मृतक राघवेन्द्र बाजपेयी की पत्नी रश्मि बाजपेयी ने खारिज कर दिया है। रश्मि ने मीडिया के सामने आकर पुलिस की ओर से बनाई जा रही कहानियों पर असहमति जताई और कहा कि उनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।

8 मार्च को लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेमपुर क्रॉसिंग फ्लाईओवर पर दिनदहाड़े हमलावरों ने पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।मृतक की पत्नी रश्मि बाजपेयी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि अखबार में छपी खबरें हत्या की प्रमुख वजह थीं।घटना राष्ट्रीय राजमार्ग पर दिनदहाड़े हुई थी इसलिए पुलिस पर जबरदस्त प्रेशर है।हत्याकांड की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने कई लेखपाल,रिटायर्ड फौजी,कुछ अपराधियों समेत लगभग 25 लोगों को हिरासत में लिया और लगभग 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की।सर्विलांस टीम ने हजारों फोन कॉल खंगाले और सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए,लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया।

बीते दो दिनों में सीतापुर पुलिस ने कुछ पत्रकारों को बुलाकर एक नई जांच थ्योरी पेश की।पुलिस ने बिना किसी लिखित प्रेस नोट या बाइट जारी किए बताया कि हत्या का मामला एक तथाकथित आध्यात्मिक गुरु और उसके चेले से मृतक पत्रकार के कथित संबंधों से जुड़ा हो सकता है।इस थ्योरी के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इसका तीखा विरोध शुरू हो गया।

पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की पत्नी रश्मि बाजपेयी ने कहा कि ये बाबा का खुलासा हो रहा है,एकदम गलत है।ये कहीं पर से सही नहीं है क्योंकि ये बड़े राजनीतिक लोग सब अपने बचाव के लिए कर रहे हैं। रश्मि ने कहा कि बाबा के यहां से उनका लेना देना कुछ था ही नहीं,वह उनके यहां पूजा करने जाते थे और उनसे कुछ कोई मतलब ही नहीं था। रश्मि ने कहा कि बृहस्पति की रात को बाबा इनको छोड़ने आए थे,फिर शुक्रवार की सुबह ये पूजा करने गए हैं,शनिवार को जिस दिन मर्डर हुआ है उस दिन भी पूजा करने गए थे,जब ऐसी स्थिति थी तो ये बाबा के यहां पूजा करने क्यों जाते। रश्मि ने सवाल किया है कि जब बाबा पर शक था तो पहले बाबा को क्यों नहीं पकड़ा।

रश्मि ने लखीमपुर वाली थ्योरी पर भी सवाल खड़ा किया। रश्मि ने कहा कि रुद्राभिषेक छब्बीस तारीख को हुआ है और नौ फरवरी को एक लड़के का इलाज करवाने वहां गए थे और एक बार मेढक बाबा के यहां पूजा करवाने गए है।यही तीन लोकेशन पुलिस को मिली।इसके अलावा लखीमपुर का कोई कनेक्शन नहीं है।

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