कालपी के कवि’कोमल’को हिन्दी भवन दिल्ली में साहित्यकार सम्मान 2024 से सम्मान से नवाजा
कालपी, जालौन
स्थानीय नगर के प्रतिष्ठित साहित्यकार श्याम सुंदर श्रीवास्तव ’कोमल’ को उनकी दीर्घ कालीन हिन्दी साहित्य सेवाओं के लिए हिन्दी की गूंज संस्था के बारहवें “साहित्यकार सम्मान -2024 से हिन्दी भवन दिल्ली के सभागार में एक भव्य सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया ।
उल्लेखनीय हो कि यह सम्मान उन्हें हिंदी साहित्य की दीर्घ कालीन सेवाओं एवं विशिष्ट अवदान के लिए प्रदान किया गया।सम्मान समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार एवम् संपादक सूर्यनाथ सिंह, हिन्दी अकादमी दिल्ली के उप सचिव ऋषि कुमार शर्मा , श्रीराम कालेज ऑफ कॉमर्स के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ० रवि कुमार शर्मा मधुप , शिक्षाविद् डॉ० कमलेश शर्मा कमल, वरिष्ठ साहित्यकार हेमंत कुकरेती एवं संस्था के संयोजक नरेन्द्र सिंह निहार ने संयुक्त रूप से शॉल, पुष्प गुच्छ, प्रतीक चिह्न एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया । सम्मान समारोह में दिल्ली की प्रमुख साहित्यिक हस्तियां उपस्थित रही
मालूम हो कि श्याम सुन्दर कोमल विगत 35 वर्षों से हिंदी के प्रचार प्रसार एवम् प्रतिष्ठा के लिए समर्पित भाव से प्रयास रत हैं । इसके साथ ही वे बाल साहित्य संवर्धन के लिए भी उत्कृष्ट बाल साहित्य की सृजन साधना में लगे हुए हैं। कालपी नगर के मूल निवासी अनेक कृतियों के प्रणेता श्याम सुन्दर कोमल की अनेक रचनाएं देश के विभिन्न भागों में पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाई जा रही हैं । उनके साहित्य बुंदेलखंड विश्विद्यालय में लघुशोध प्रबंध भी प्रस्तुत किया जा चुका है एवम् कई विश्वविद्यालयों के शोध प्रबंधों में में उनके उत्कृष्ट बाल साहित्य को चर्चित एवम संदर्भित किया गया है । एनसीईआरटी की पत्रिका सहित अनेक राष्ट्रीय एवम् अंतरराष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रायः प्रकाशित होती रहती हैं ।कई सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत श्याम सुंदर श्रीवास्तव अशोक हायर सेकेण्डरी स्कूल लहार, भिण्ड (म. प्र.) में हिंदी व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं ।
हिंदी की गूंज का साहित्य सम्मान 2024 प्राप्त होने पर उन्हें क्षेत्र के समस्त साहित्यकारों, शिक्षकों, शिक्षाविदों, कवियों, प्रबुद्ध वर्ग, पत्रकार बंधुओं एवम् अभिभाषक बंधुओं ने उन्हें बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है । और हिन्दी की गूंज संस्था के इस निर्णय का स्वागत करते हुए उसके केंद्रीय संयोजक नरेन्द्र सिंह निहार के प्रति आभार व्यक्त किया है।