छात्र संख्या के हिसाब से स्कूलों को मिली टीएलएम की धनराशि
नौनिहालों में सीखने की ललक उत्पन्न करेगा टीएलएम
कानपुर देहात…..परिषदीय स्कूलों के नौनिहालों के पठन-पाठन में टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मटेरियल) सीखने की ललक पैदा करेगा। इसके लिए शासन ने छात्र संख्या के हिसाब से टीएलएम की ग्रांट जारी की है। परिषदीय स्कूलों के बच्चे टीएलएम बनाने का काम करेंगे। अगर कोई कठिन टीएलएम है तो उसमे शिक्षकों का सहयोग लिया जाएगा। स्कूल के शिक्षक बच्चों को कच्चा माल उपलब्ध कराने का काम करेंगे। इसके लिए प्रत्येक बच्चे के हिसाब से स्कूल प्रबंध समिति के खाते में लिमिट जारी की गई है। इस संबंध में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया गया है। स्कूलों में पठन-पाठन को रोचक बनाने में टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मैटेरियल) का अलग योगदान है। टीएलएम से पढ़ाए गए सिलेबस को बच्चों की समझ में आसानी से आ जाता है जबकि अन्य विधियों से पढ़ाई रोचकपूर्ण नहीं रहती है। क्लास में बच्चों को टीएलएम से आसानी से समझाया जा रहा है जिसके सकारात्मक परिणाम सामने नजर आ रहे हैं। जनपद के 1925 परिषदीय स्कूल हैं जिसमें बच्चे पढ़ाई करते हैं। टीएलएम बनाने के लिए प्राथमिक विद्यालय में 20 रुपये और उच्च प्राथमिक विद्यालय में 15 रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से स्कूल प्रबंध समिति के खाते में लिमिट जारी की गई है जो टीएलएम बनाने के काम में लाई जाएगी। स्कूल के शिक्षक के स्तर से बच्चों को टीएलएम बनाने का कच्चा माल उपलब्ध कराया जाएगा जिनसे टीएलएम बनाएंगे। कठिन टीएलएम में शिक्षकों का सहयोग लिया जाएगा। इस प्रयास से बच्चों में पढ़ने के प्रति रुच पैदा होगी। बीएसए रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि प्रत्येक स्कूल के बच्चों को टीएलएम बनाने के लिए धनराशि मिलेगी। टीएलएम से पढ़ाई आसानी से समझ में आती है। बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार नजर आता है।