कमलेश पाठक का गैंगस्टर एक्ट में जमानत का प्रार्थना पत्र फिर निरस्त
– दोहरे हत्याकांड में निरूद्ध कमलेश पाठक ने द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र डाला था
– कोर्ट में अब दिन प्रतिदिन सुनवाई होगी
औरैया। शहर के दोहरे हत्याकांड में करीब साढे चार वर्ष से अधिक समय से जेल में निरूद्ध चल रहे पूर्व एमएलसी कमलेश पाठक का द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र अपर सत्र न्यायालय ने पुन: निरस्त कर दिया। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने उक्त मामले के शीघ्र निस्ताकरण के लिए प्रतिदिन सुनवाई कराने का जो प्रार्थना पत्र न्यायालय को दिया। उसे कोर्ट ने स्वीकार कर प्रतिदिन सुनवाई कराने का आदेश पारित किया है।
शहर के मोहल्ला नरायनपुर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में १५ मार्च 2020 को हुई गोलीबारी में अधिवक्ता मंजुल चौबे व उसकी चचेरी बहन सुधा की मौत में जेल काट रहे पूर्व एमएलसी कमलेश पाठक की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। गैंगस्टर, हत्या, हत्या का प्रयास, आयुध अधिनियम मामले में सुनवाई कर रही कोर्ट में मंगलवार को बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कमलेश पाठक का गैंगस्टर एक्ट में द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने लिखा कि कमलेश पाठक का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र 26 अप्रैल 2022 को इस कोर्ट द्वारा निरस्त किया जा चुका है। जमानत प्रार्थना पत्र माननीय हाईकोर्ट व माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त किए जा चुके हैं। उनके वकील ने दूसरा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने का कारण लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका में यह निर्देश दिया था कि जिन अभियुक्तों द्वारा उन पर आरोपित अपराध की अधिकतम सजा के एक तिहाई भाग की अवधि जेल में बिता दी हो तो उन्हें धारा ४७९ वीएनएस के तहत रिहा कर दिया जाए। कमलेश पाठक 70 वर्षीय गंभीर हृदय बीमारियों से ग्रसित हैं तथा वह प्रस्तुत मामले से संबंधित अपराध की अधिकतम सजा के 1/3 भाग की अवधि से जेल में निरूद्ध हैं। वहीं उसका विरोध करते हुए अभियोजन के अधिवक्ता ने बताया कि उसका 35 मुकदमों का आपराधिक इतिहास आ चुका है और उन पर इस समय दोहरे हत्या आदि मामले साक्ष्य पर चले है। ऐसे में अभियुक्त के जमानत पर छूटने से साक्ष्त प्रभावित होगा। दोनों पक्षकारों की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीस संजय कुमार सिंह ने माना कि द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने का पर्याप्त आधार नहीं हैं। इसलिए अभियुक्त कमलेश पाठक का द्वितीय प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है।
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कोर्ट ने दिन प्रतिदिन कार्यवाही का दिया आदेश
औरैया। दोहरे हत्याकांड की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कोर्ट में यह प्रार्थना पत्र दिया कि उसके भाई मंजुल चौबे व बहन सुधा की हत्या हुई थी। इसमें वह पीडि़त व्यक्ति हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले की दिन प्रतिदिन सुनवाई करके दो माह में निर्णय करने का आदेश 13 अप्रैल 2022 को दिया था। अत: इस मामले की दिन प्रतिदिन सुनवाई करके मामले का शीघ्र निस्तारण किया जाए। उनके अधिवक्ता व बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने दोहरे हत्याकांड व संबंधित मुकदमों की सुनवाई दिन प्रतिदिन किए जाने का आदेश जारी किया।
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