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औरैया-स्कूल से निकाले जाने से परेशान शिक्षक ने ट्रेन के आगे कूदकर की आत्महत्या

स्कूल से निकाले जाने से परेशान शिक्षक ने ट्रेन के आगे कूदकर की आत्महत्या

सुसाइड नोट में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से घर आकर परिवार को संभालने की लगाई गुहार

औरैया। प्राइवेट स्कूल से निकाले जाने के बाद एक शिक्षक ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पुलिस पहुंची तो मृतक की जेब में एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। जिसमें शिक्षक ने अपनी गरीबी का हवाला दिया और प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के लिए लिखा की आप बहुत जगह जाते रहते है, मेरे मरने के बाद मेरे घर आकर परिवार का साहस बढ़ा देना। लिखा हैं खुदकुशी करना ठीक नहीं होता, लेकिन मुझे बहुत दिनों से परेशान किया जा रहा है। सूचना पर रोते बिलखते परिजन भी आ गये। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
कन्नौज जिले के छिबरामऊ के मोहल्ला भेनपुरा नई बस्ती निवासी प्रवीण कुमार पुत्र संतराम सक्सेना औरैया के सुदिति ग्लोबल स्कूल में मैथ का टीचर था। सुसाइड नोट के अनुसार उसे स्कूल ने पढ़ाने से मना कर दिया। इसके बाद वह मानसिक अवसाद में था। इस कारण उसने दिबियापुर में पश्चिमी केबिन की तरफ जाकर मालगाड़ी के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। जब लोगों ने देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शव ट्रैक से हटाया। शव के पास एक बैग मिला, जिसमें दो पन्ने का सुसाइड नोट रखा। सुसाइड नोट एक प्रार्थना पत्र के रूप में लिखा गया जो की प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित है। सुसाइड नोट में मृतक ने पहले अपना नाम पता लिखा और लिखा की वह सुदिति ग्लोबल में दो वर्षो से पढ़ा रहा है और अब उसे स्कूल से निकाल दिया गया है। वह तीन भाई है एक भाई का इलाज चल रहा है और दूसरा एंबुलेंस में ईएमटी था जिसकी भी नौकरी चली गई। पिता सब्जी बेंचते है और बीमार भी हैं। बहन की शादी के लिए वह पढ़ा रहा था और मेहनत कर रहा है। अब बीच सत्र में निकाले जाने से अब वह क्या करे। घर भी नही बना है, सरकार की तरफ से कोई ऐसी सुविधा भी नही है। लिखा है की इस मामले में स्कूल के बच्चो पर पढ़ाई का कोई प्रभाव नहीं पडना चाहिए। उसने बहुत ईमानदारी से पढ़ाया है। उसे परेशान किया गया। रिजल्ट भी अच्छा रहा।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से हाथ जोड़कर निवेदन है की मेरा मृतक शरीर देखकर परिवार प्राण त्याग सकता है। पुत्र शोक दुनिया का सबसे बड़ा दुःख है। आपसे निवेदन है की आप मेरे घर आकर मेरे परिवार को साहस दे आकर। आप लोग बहुत जगह जाते रहते है तो मेरे घर आकर भी मेरे परिवार को साहस दें। अगर एक जवान शहीद होता है तो उसे भी शिक्षक ही पढ़ाता है। तब वह देश के लिए होता है। महोदय खुदकुशी करना ठीक नहीं है लेकिन मुझे बहुत दिनों से परेशान किया जा रहा है। आपसे निवेदन है की आप मेरे परिवार को साहस दें। सूचना पर रोते बिलखते परिजन भी आ गये। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस मामले में स्कूल डायरेक्ट डा आनंद मोहन से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल नेटवर्क कवरेज एरिया से बाहर बताता रहा। सीओ सदर महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पास पड़ोस के लोगों ने बताया कि रात करीब 11 बजे शिक्षक को दिबियापुर में पश्चिमी केबिन की तरफ जाते देखा गया था। जिसके बाद रेलगाड़ी के सामने कूदकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। शव देखकर लोगों ने ही इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शव ट्रैक से हटाया। जांच पड़ताल में शव उनके पास एक बैग और पैंट की जेब में दो पन्ने का सुसाइड नोट रखा मिला। शिक्षक की मौत की सूचना पर रोते बिलखते परिजन भी आ गए। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी। इस मामले में स्कूल डायरेक्ट डॉ आनंद मोहन से पआनंद मोहन से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल नेटवर्क कवरेज एरिया से बाहर बताता रहा। इसके अलावा स्कूल के प्रिंसिपल समेत अन्य टीचरों के नंबर भी बंद जा रहे हैं।

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